| 1. | मूल समतल से उसका ' दिगंश कोण' (
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| 2. | का प्रयोग होता है जो मूल समतल से ऊँचाई मापता है।
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| 3. | वह जिस समतल में है उसका मूल समतल से क्या कोण (ऐंगल) बनता है
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| 4. | हर एक का नाम उसके चुने हुए मूल समतल के नाम पर रखा गया है।
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| 5. | ज़ाहिर है कि ऐसी पद्धति में पहले से ही किसी मूल केंद्र, शिरोबिंदु दिशा और मूल समतल का चुनाव कर लेना आवश्यक है।
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| 6. | मूल समतल से उसका ' दिगंश कोण ' (azimuth angle)-इसके लिए अक्सर ' φ ' का चिह्न प्रयोग होता है
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| 7. | ज़ाहिर है कि ऐसी पद्धति में पहले से ही किसी मूल केंद्र, शिरोबिंदु दिशा और मूल समतल का चुनाव कर लेना आवश्यक है।
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| 8. | ' मूल समतल ' एक काल्पनिक समतल है जो भूमध्य रेखा से गुज़रकर पृथ्वी को दो बराबर के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्धों (हेमिस्फ़ीयरों) में काटता है
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| 9. | कभी-कभी ' ध्रुवीय कोण ' के स्थान पर ' उत्कर्ष या ऊँचाई कोण ' (elevation angle) का प्रयोग होता है जो मूल समतल से ऊँचाई मापता है।
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